अपना स्वभाव गर्म चाय जैसा है जिसे समझ आया वो आनन्द पाता है, और जिसे समझ नहीं आया वो मुंह जला लेता है.
चाय दूसरी एसी चीज़ है जिससे आंखें खुलती है धोखा अभी भी पहले नम्बर पर है
चाय के कप से उठते धुंए में, तेरी शक्ल नज़र आती है, ऐसे खो जाते है तेरे ख्यालों में की, अक्सर मेरी चाय ठंडी हो जाती है.
किसको बोलूं हेलो और किसको बोलूं हाय, हर टेंशन की बस एक ही दवा, अदरक वाली चाय.
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